Mark 7:24-30
एक माईलोगन के बिसवास
(मत्ती 15:21-28)
24यीसू ह ओ जगह (गलील) ला छोंड़के सूर सहर के इलाका म गीस अऊ उहां ओह एक ठन घर म गीस अऊ चाहत रिहिस कि ओकर बारे म कोनो झन जानय, पर ए बात ह छिपे नइं रहे सकिस। 25ओतकीच बेर एक माईलोगन, जेकर नानकून बेटी म असुध आतमा रहय, ओकर करा आईस। ओह यीसू के बारे म सुने रहय अऊ अब आके ओकर गोड़ खाल्हे म गिरिस। 26ओ माईलोगन ह आनजात (यूनानी) के रिहिस अऊ सुरूफिनीकी जाति म जनमे रिहिस। ओह यीसू ले बिनती करके कहिस कि असुध आतमा ला ओकर बेटी ले निकार दे।27यीसू ह ओला कहिस, “पहिली लइकामन ला पेट-भर खावन दे। काबरकि ए ठीक नो हय कि लइकामन के रोटी ला लेके कुकुरमन ला दिये जावय।”
28तब ओ माईलोगन ह कहिस, “एह सही अय, परभू। तभो ले कुकुरमन घलो मेज के खाल्हे म लइकामन के जूठा-काठा ला खा लेथें।”
29यीसू ह ओला कहिस, “तेंह सही कहय। जा, असुध आतमा ह तोर बेटी ले निकर गे हवय।”
30तब ओह अपन घर जाके देखिस कि ओकर लइका ह खटिया म लेटे हवय अऊ असुध आतमा निकर गे रहय।
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